Tuesday, September 13, 2011

यह किस नायक की वापसी की बात कर रहे हैं हम

फिल्म समीक्षा: बॉडीगार्ड

सलमान खान की चुलबुल पांडेय टाइप फिल्मों की जब एक वर्ग ने आलोचना की थी तो यह कहकर उनका बचाव किया गया कि सलमान खान कि फिल्मों से नायक की पर्दे पर वापसी हो रही है। वांटेड, दबंग, रेडी के बाद अब बॉडीगार्ड में भी यही नायक पर्दे पर है। सीधा, समर्पित, ईमानदार और भोंदू। वह हथियार से लैस २५ से ३० लोगों को निहत्थे होकर भी मौत के घाट उतार देता है। वह चलती ट्रेन से कूद कर विपरीत दिशा में जा रही ट्रेन में सवार हो लेता है। कंधे पर गोली लगने के बाद भी दौडक़र किसी लडक़ी से मिलने के लिए रेलवे प्लेटफार्म में जाता है। यह बातें बिल्कुल उसे हीरो ही बनाती है। हीरो का दूसरा पहलू देखिए। यह हीरो मारपीट के अलावा जीवन के सारे प्रसंगों में एक मोटी बुद्धि के भोंदू युवक जैसा दिखता है। उसी घर में रह रही एक लडक़ी उससे बेपनाह मोहब्बत करती है वह उससे बेखबर है। दस से बीस फिट की दूरी पर वह लडक़ी उसको फोन करती है, हंसती है, रोती है पर बेचारा यह हीरो कुछ भी जान भी नहीं पाता। वह गल्र्स हॉस्टल में उस लडक़ी की खोज में लगा रहता है। अनजाने में जिस लडक़ी से उसकी शादी हो गई होती है वह एक डायरी लिखती है। कायदे से यह डायरी उस हीरो के हाथ में लगनी चाहिए। पर वह डायरी उसके पांच साल के बच्चे के हाथ में लगती है। मारपीट के अतिरिक्त उसे समझ में नहीं आता। यह २०११ में हमारे युवाओं का नायक है। यह उस महान हीरो की पर्दे पर वापसी है जो लड़कियों को शेर से कम नहीं समझता। उन्हें झूने में उसके हाथ कांपते हैं। लड़कियों के प्रेम, उनके झूठ, फरेब और प्रपंच को पढऩे समझने की उसके पास क्षमता नहीं है। वह अपने मालिक को उसके सामने भी मालिक ही कहकर बुलाता है। इस हीरो की वापसी पर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री जश्न मना रही है। फिल्म में सुनामी सिंह नाम का एक किरदार जो सलमान की फिल्मों में अलग-अलग नामों के साथ अक्सर रहता है बॉडीगार्ड में दर्शकों को जमकर इरीटेट करता है। साउथ फिल्मों की नकल में एक सांवली और मांसल नौकरानी भी कोई कम कहर नहीं बरपाती। महेश मांजेकर को यदि ऐक्टिंग ही करनी है तो ढंग की करें।
कुछ अच्छी बातें:
सलमान खान मासूम और भोले युवक की अच्छी ऐक्टिंग कर लेते हैं। फिल्म का संगीत अच्छा है। करीना कपूर सुंदर लगी हैं। बहुत भावुक और दुख के दृश्यों में वह करिश्मा कपूर की नकल करते दिखती हैं। पोस्टर से मारपीट से भरी लगने वाली इस फिल्म में उतनी मारपीट नहीं है।

1 comment:

  1. bodyguard salman khan kee surprising film hai...logo ko ummed thee ve fir na jane kitno ko maut ke ghat utarenge magar aise na hokar is fil mai kuch kahani bhee thee acting to rehti hi hai..salman paise vasool nahi bank full filme banate hain to kuch aisa karna hoga..kul mila kar salman the great...

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