Saturday, March 22, 2014

हद है! भूत तभी आता है जब सनी लियोनी कुछ कर रहीं होती हैं


कई बार गलती से कुछ ‌अच्छी फिल्‍में बन जाती हैं। लेकिन उन्हीं अच्छी फिल्मों को यदि हम चालू फिल्‍मी फॉर्मूलों से व्हाइट वाइश करने लगते हैं यही फिल्में रागिनी एमएमएस 2 कहलाती हैं। रागिनी एमएमएस की सीक्वल फिल्म रागिनी एममएमएस 2 (दो में ज्यादा मजा) के साथ विडंबना यही है कि इस फिल्म में सभी प्रचलित और हिट फॉर्मूले डालने की कोशिश की गई है।

जो कि इसकी प्रीक्वल फिल्म में नहीं थे। पूरी फिल्म एक गणतीय फॉर्मूले की तरह चलती है। एक सेक्स सीन, एक हॉरर सीन, एक सामान्य सीन, फिर एक बाथरूम सीन और एक घटिया सा लाऊड ऐक्टिंग वाला कॉमेडी सीन। अगर फिल्म से बालाजी बैनर को हटा लिया जाए यह फिल्‍म तो यह फिल्‍म अपनी बनावट, रंग ढंग और अंदाज से एक बी ग्रेड साऊथ फिल्म जैसी लगती है।

फिल्म में सनी ‌लियोन उसी मात्रा में हैं जिस मात्रा में सिर्फ आलू की सब्जी में आलू होती है। सनी के साथ फिल्म में एक्टिंग करने के लिए जो पलटन रखी गई थी वह शायद सनी से इतनी नर्वस थी कि वह ढेर सारी ओवरऐक्टिंग किए जा रही थी। फिल्म में तमाम ऐसे सीन थे जिनकी फिल्म में कोई जरूरत नहीं थी। लोग यह दृश्य देखने के लिए गए भी नहीं थे। इस फिल्म को देख रहे लोगों की ख्वाहिश तो यह थी कि फिल्म शुरु हो और सनी लियोनी अपनी ख्याति के अनुरूप काम करना शुरु कर दें और अंत तक वही करती रहें।

चूंकि यह पोर्न फिल्म तो थी नहीं इसलिए सनी लियोनी को पहले ऐक्टिंग करनी थी। वह वे जबर्दस्त करती हैं। इस फिल्‍म का भूत एक महिला है इसलिए वह सनी लियोनी के साथ सेक्स नहीं कर सकता, उन्हें नहाते हुए नहीं देख सकता उनके कपड़े नहीं उतार सकता इसलिए उनके इर्द-गिर्द 5-6 ऐसे लोगों की पलटन जमा की जाती है जिन्हें देखकर लगता है कि इनका जन्म सिर्फ सेक्स करने के लिए हुआ होगा और वह सेक्स करते-करते ही बीरगति को प्राप्त हो जाएंगे। सनी लियोनी को यह न लगे कि यह दुनिया बड़ी जालिम और स्वार्थी है इसलिए फिल्म में उनका एक प्रेमी भी दिखाया गया है। वह उस प्रेमी के साथ रात में टहलने को निकलती हैं तभी बारिश आ जाती है। बा‌रिश से बचने के दौरान एक गाना होता है और सनी लियोनी गाने के इस सपने में भी सेक्स ही करती हैं। तभी गाना खत्म हो जाता है और भूत आ जाता है। है न मजेदार।

इस फिल्म की स्क्रिप्ट लिखने वाले का काम आसान था। उसे बस ऐसे कुछ सीन लिखने थे जिसमें किसी में सनी लियोनी नहा रहीं हो तो भूत आ जाए। सेक्स की कल्पना कर रहीं हो तो भूत आ जाए और किसी और के सपने में चुड़ैल सनी लियोनी का रूप रखकर आ जाए। इसके अलावा कुछ ऐसे सीन रखे गए हैं जब सनी लियोनी अकेले में भी सेक्स करती हैं।

इन सब दृश्यों के बीच यह भ्रम बनाए रखने के लिए कि यह एक हॉरर फिल्म है मुंबई में बैठी एक डॉक्‍टर उस लड़की का वीडियो देखती है जिसमें वह चुड़ैल समायी होती है। वह चुड़ैल मराठी में बोलती है और वह डॉक्टर अभी अभी स्विटजरलैंड से आई है। इसलिए डॉक्टर अपनी नौकरानी से यह पूंछती है कि चुड़ैल क्या कह रही है। इसके बाद फिर चुड़ैल की हिंदी ठीक हो जाती है और हिंदी में बोलने लगती है।

फिल्‍म के दृश्यों की एड‌टिंग ऐसी है कि यदि पांचवे नंबर के सीन को 26वें नबंर पर और 13वें नंबर के सीन को 7वें नंबर पर भी लगा दिया जाए तो कुछ फर्क नहीं पड़ता है। हां फिल्म कहीं कहीं गंभीर भी है। जैसे वह यह बात गंभीरता से बताती है कि एक पोर्न स्टार को भी ऐक्टिंग करनी होती है। शरीर को हिलाकर ऊह आह आवाज निकालने के अलावा भी वह और काम भी कर सकती है। उसे हल्के में नहीं लिया जाना चाह‌िए।

रागिनी एमएमएस 2 देखकर इस बात पर गंभीरता से सोचने का मन करता है कि यदि बोल्डनेस के नाम पर इतनी घटिया फिल्‍में दिखाए जाएंगी तो फिर विजय आनंद के उस प्रस्ताव पर एक बार फिर से विचार क्यों नहीं किया जा सकता कि भारत में एडल्ट कैटेगरी की फिल्में अधिकृत तौर पर बननी चा‌हिए और उनके लिए अलग से सिनेमाघर होने चाहिए। लेकिन जब तक ऐसा नहीं होता है तब तक सनी लियोनी के जिस्म में रागिनी का भूत समाता रहेगा।

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