Thursday, July 21, 2011

समझदारों द्वारा समझदारों के लिए बनाई गई फिल्म

फिल्म समीक्षा: जिंदगी न मिलेगी दोबारा




फरहान अख्तर को दोस्त मनोविज्ञान का फिल्मकार कहा जा सकता है। दिल चाहता है और रॉक ऑन के बाद जिंदगी मिलेगी न दोबारा उनकी ऐसी तीसरी फिल्म है जिसमे वह दोस्तों के बीच की किस्सागोई को एक संदेशात्मक अंदाज में पेश करते हैं। कहानी को कहने में कहींं कोई बनावटीपन या उपदेशात्मक प्रपंच नहीं हैं। फरहान इस फिल्म में निर्माता, अभिनेता और एक गायक की हैसियत से जुड़े हुए हैं। फिल्म की निर्देशक फरहान की जुड़वा बहन जोया अख्तर हैं। जोया इसके पहले लक बाय चांस जैसी खूबसूरत फिल्म का निर्देशन कर चुकी हैं। तीन इंटलैक्चुवल दोस्तों की कहानी कहने वाली फिल्म जिंदगी न मिलेगी दोबारा एक अच्छे उपन्यास को पढऩे जैसा संतोष देती है। तीन मुख्य पात्रों की यह दोस्ती शोले के जय-वीरू अंदाज वाली दोस्ती नहीं हैं। वह दोस्त इसलिए हैं क्यों कि वह एक-दूसरे की फ्रीक्वेंसी को समझते हैं। कहां पर और कितना दूसरे की जिंदगी में इनवाल्व हुआ जाए उन्हें यह मालूम है। यहां एक-दूजे कि खिल्ली भी उड़ायी जाती है और मोहब्बत भी की जाती है। पूरी फिल्म साफ्ट कॉमेडी के ताने-बाने पर बुनी है। फिल्म में हास्य के जो पल हैं वह बहुत ही सहज तरीके से आते-जाते रहते हैं। हंसाने के लिए किसी सीन को क्रिएट नहीं किया गया है। स्वाभाविक संवादों से हंसी निकलती है। दोस्ती के साथ-साथ फिल्म दार्शनिक अंदाज में जीने के तरीके को भी परिभाषित करती है। फिल्म दिखाती है कि इंटलैक्चुवल व्यक्ति जरूरी नहीं कि अपनी हर समस्या या कमजोरी को पहचान कर उसे खत्म करने की क्षमता रखता है। दूसरे की दृष्टि से भी जिंदगी को समझा जा सकता है। जिंदगी मिलेगी न दोबारा समझदारों की फिल्म है। दबंग, रेडी और सिंघम जैसी फिल्मों के माहौल के बीच ऐसी फिल्म बनाना साहसिक काम है। अच्छी बात यह है कि फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी साहसिक लोग बढ़ रहे हैं। प्यार का पंचनामा के बाद जिंदगी मिलेगी न दोबारा ऐसी दूसरी फिल्म है जिसमे लडक़ी के किरदार को चिपकू बनाकर पेश किया गया है। वह चिपकू किरदार गर्लफ्रेंड या पत्नी किसी रुप में हो सकता है जो आपके जीवन की उन्मुक्तता या स्वतंत्रता को खत्म कर दे। यह फिलासफी बड़े शहरों से जल्दी ही छोटे शहरों में आएगी। फिलहाल यहां चिपकने वालों की कमी महसूस की जा रही है। फरहान अख्तर, रितिक रोशन और अभय देओल के अलावा कैटरीना कैफ मुख्य भूमिका में हैं। सभी ने अपनी पात्रों के अनुरूप अभिनय किया है। अपनी टाइमिंग डायलॉग डिलवीरी की वजह से फरहान दर्शकों के सबसे प्रिय चेहरे बनते हैं। हां एक और बात रितिक रोशन ने कई दृश्यों में आमिर खान की कॉपी की है।

No comments:

Post a Comment