Monday, July 14, 2014

आपने खुद से पूंछा है कि आपको 'हम्टी' क्यों अच्छी लगी?


हम्टी शर्मा की दुल्हनियां इस बात को दिखाने में अतिरिक्त कोशिश करती हुई पकड़ी जाती है कि वह 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' का रीमेक नहीं है। इसके लिए सुविधानुसार यह फिल्म कई जगहों पर उसकी खिल्ली भी उड़ाती है, लेकिन ऐसी खिल्ली कि बस दर्शक हंसे, बाकी निर्देशक उस फिल्म को गॉर्ड ऑफ ऑनर देता नजर आए। डीडीएलजी ओवरऐक्टिंग और भावुकता के अतिरेक से भरी एक ऐसी ड्रामा फिल्म है कि जिसका हर सीन उसकी खिल्ली उड़ायी जाने की गुंजाइश छोड़ जाता है। राज और सिमरन की मोहब्बत के साथ बाबूजी के 'संस्कारों' और 'वचनों' पर भी लुत्फ लिए जाते रहे हैं। कभी फिल्मों में तो कभी ट्वीटर पर बने चुटकुलों पर।

लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी हिंदी सिनेमा के कई महान निर्देशक गाहे-बगाहे डीडीएलजी बनाने का प्रयास करते पाए जाते हैं। उनको जब मोहब्बत सूझती है तो वह दिल्वाले दुल्हनियां बनाते पाए जाते हैं। इसमें वह कुछ अपनी भी होशियारी जोड़ते हैं। ताकि उनकी फिल्म आज की फिल्म लगे और राज-सिमरन की मोहब्बत में प्रैक्टिकली जान पड़े। हम्टी शर्मा की दुल्हनियां भी एक ऐसी ही कोशिश है। शायद इन्हीं कोशिशों में काव्या और हम्टी के दो-तीन चुंबन सीन और एक बेडरूम सीन रखा गया है। आलिया हॉट हैं जो निश्चित रूप से काजोल नहीं थीं।

करण जौहर की फिल्‍मों की पहचान बन गए गे चरित्र इस फिल्म में भी आपको सताते हैं। फिल्म का एक सीन जहां वरूण धवन बिस्तर पर सेक्स आसन और सेक्स के दौरान निकलने वालों आवाजों की मिमिक्री कर रहे होते हैं वहां यह फिल्म दिबाकर बनर्जी की फिल्म 'लव सेक्स और धोखा' की याद दिलाती है। लेकिन यह सीन उस बचकानी डीडीएलजी को फिर महान बना देती है यह बताने के साथ कि मूल फिल्म बनाना कितना कठिन होता है।

फिल्म का मूल ढांचा कॉमेडी है। यदि फिल्म से कॉमेडी का डीएनए निकाल लिया जाए तो वह चंद मिनट ही होंगे जहां काब्या और हम्टी हमको अपनी मोहब्बत से सम्मोहित कर पाते हैं। जैसे-जैसे हम पर प्रोफेशनल और प्रैक्टिकल हो जाने का चस्का चढ़ रहा है वैसे-वैसे हम प्रेम कहानियों की तरफ आकृष्ट होते जा रहे हैं। लेकिन हमें मोहब्बत भी शायद हम्टी वाली ही रास आती हैं क्यों‌कि हमें 'लुटेरा' पसंद नहीं आती। शायद जो हम कर नहीं पा रहे हैं उसे पर्दे पर होते हुआ देखना चाहता है। इसे 70 के दशक में अमिताभ बच्‍चन के यंग एंग्री मैन के संदर्भ से भी जोड़कर समझ सकते हैं।

वरूण और आलिया के साथ अच्छी बात यह है कि इन्हें ऐक्टिंग करवाई जा सकती है। आलिया को शायद ऐक्टिंग से ज्यादा इस बात की फिक्र है कि वह सेक्स बम लगे और बॉलीवुड की सबसे हॉट हीरोइन कही जाएं। उन्हें भी पता है कि हर रोज किसी आलिया के इम्तियाज 'हाइवे' और कंगना के लिए विकास 'क्वीन' नहीं बनाते फिरेंगे। तब बॉलीवुड के जाने माने प्रोड्यूसरों को उनकी सेक्स अपील की अट्रेक करेगी। वरुण को चिंता नहीं करनी चाहिए। इंडस्ट्री में कई सारे वरुण सालों से हैं...

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