Saturday, April 14, 2012

लगा कि अन्ना, रामदेव को देखकर कुछ अन्य ईमानदार आंदोलन में कूद पड़े

फिल्म समीक्षा: बिट्ट बॉस


बिट्ट बॉस देखने वाले थोड़ी देर तो इस भ्रम में रहेंगे कि फिल्म की नायिका आखिर है कौन। एक जो बिट्ट का इंतजार कर रही है या दूसरी वह जो बिट्टू के आने को खारिज कर रही है। दर्शकों को लगता है शायद यह दोनों ही लड़कियां नायिका की सहेली और इंडस्ट्री की भाषा में एक्सट्रा हैं। बाद में होता यह है कि उन्हीं में से एक लडक़ी को नायिका बना दिया जाता है। नायिका ऐसी है जो आपको दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बंगलौर नहीं बल्कि मुरादाबाद, कटनी, अमरावती, भदोही, अनूपपुर, बिलासपुर जैसे शहरों के कॉलेजों में बीए पार्ट:२ करती मिल जाएंगी। जिसके विषय होंगे समाजशास्त्र, शिक्षाशास्त्र और हिंदी। शक्ल से ही दिखता है कि इस लडक़ी को इन तीनों विषयों से भी मतलब नहीं है। चूंकि तीन विषय लेने थे वह यह विषय जानकारों द्वारा सबसे आसान बताए जाते हैं इसलिए ले लिए गए। लडक़ी का सपना है शादी। और सारे सपने उस शादी के बाद ही प्रस्फुटित होने होते हैं। तो इस बिलो एवरेज लडक़ी के साथ फिल्म की शुरूआत होती है। लडक़ी का नाम अमिता पाठक है। जिसके बारे में गूगल इतनी जानकारी दे पाया कि वह किसी अनाम से निर्माता की लडक़ी है जिसकी पहली फिल्म को बनने के बाद वितरक नहीं मिले।
खैर, बाद में यह लगा कि लडक़ी अभिनय या डायलॉग से यह साबित करेगी कि उसे क्यों लिया गया। पर ऐसा हुआ नहीं। अब फिल्म की बात। पिछले साल दो फिल्में आईं थीं। प्यार का पंचनामा और बैंड बाजा बारात। बहुत ही औसत विषय को इन फिल्मों में शानदार तरीके से ट्रीट किया गया था। कलाकार इन फिल्मों में भी बड़े नहीं थे। तो जैसे अन्ना को देखकर बाबा रामदेव आंदोलन में कूद पड़े थे वैसे ही इन दोनों फिल्मों को देखकर सड्डा अड्डा और बिट्टू बॉस फिल्में बनाई गई हैं। देखी होंगी आपने।
फिल्म की कुछ अच्छी बाते भी हैं। कुछ जगह फिल्म की मौलिकता आपको प्रभावित करती है। खासकर बाप-बेटे के संवाद में। जहां बाप रंगमंच की तरह पर्दे की पीछे से डायलॉग बोलता है। इंडस्ट्री को एक पुलकित सम्राट के रूप में एक चाकलेटी नायक मिला। भले ही वह रणवीर कपूर जैसा दिखने का प्रयास कर हों पर उन्होंने एक्टिंग अच्छी की है। फिल्म के १५ मिनट तो निर्देशक घबरा सी गईं हैं कि फिल्म पूरी कैसे करें। चूंकि पिछले आधे घंटे से नायिका भी पर्दे पर नहीं दिखी थी इसलिए उसे भी दिखाना था। सो उसे शिमला भेज दिया गया। दर्शक जानते थे कि वह शिमला में क्या देखकर रोते हुए घर लौट आएगी। क्लाइमेक्स तो और भी महान किस्म का है। फिल्म की यूएसपी विक्की का किरदार निभाने वाला एक अनाम सा बदसूरत कलाकार है।

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