Friday, December 23, 2011

किसी औसत हॉलीवुड सस्पेंश फिल्म जैसी डॉन

फिल्म समीक्षा डॉन: २



पिछले दिनों रिलीज हुईं हॉलीवुड की कोई भी एक सस्पेंश थ्रिलर फिल्म चुन लीजिए जिसका नायक सिक्रेट एजेंट हो। वह अपने देश के लिए दुश्मन देश के रक्षा मंत्रालय से कोई फाइल या चिप चुराने के प्रयास में है। थोड़े-बहुत अवरोध के बाद उसे चिप मिल जाती है। अब इसी फिल्म का भारतीयकरण कर दीजिए। भारतीयकरण करने के लिए आपको फिल्म में कुछ डॉयलॉग डालने होंगे। थोड़ी बहुत कॉमेडी कनी होगी। नायक का किसी लडक़ी के साथ दिली मोहब्बत दिखानी होगी। चिप की जगह या तो हीरे हों या फिर करेंसी रखना होगा क्यों कि भारतीय दर्शक इस बात को नहीं समझ पाएंगे कि चिप या फाइल चुरायी क्यों जा रही है। और हां किसी भी सूरत में नायक मरना नहीं चाहिए। तो ऐसी ही कई हॉलीवुड फिल्मों का देशी वर्जन है डॉन:२। हॉलीवुड फिल्मों की तरह डॉन:२ में बिना मतलब की बातें कम से कम हैं। नायक काम के वक्त मोहब्बत में डूबे गीत नहीं गाता। उसकी अंतरात्मा उसे गलत काम के लिए धिक्कारती नहीं है। फिल्म और मनोरंजन के नजरिए से देखें तो डॉन दर्शकों को निराश नहीं करती। पटकथा कसी हुई और घटनाएं ताबड़तोड़ होने की वजह से फिल्म दर्शकों को अपने से जोड़ कर रखती है। जिन्होंने डॉन का पहला पार्ट न भी देखा हो तो उनके लिए मुश्किल बहुत नहीं है। दर्शकों को चौंकाने के लिए सस्पेंश भरे मोड़ भी हैं। और बाद में भारतीयों के लिए कुछ नारी सशक्कतीकरण और मानवता की भी बाते हैं। तो फिल्म देख सकते हैं। शाहरुख इस फिल्म में भी अपनी जैसी ही ऐक्टिंग करते हैं। प्रियंका के लिए कुछ करने को था नहीं। लारा दत्ता अच्छे लगने के लिए रखी गईं पर वह अच्छी लगी नहीं। ओमपुरी और बोमेन ईरानी तो सदाबहार अभिनेता हैं जहां चााहो लगा दो। फिल्म के अंत में डॉन थ्र्री की संभावनाएं भी रखी गई हैं। फिलहाल तो फरहान इसका सीक्वेल न बनाने की बात कह चुके हैं।

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